Rajesh Saini

लोग हमसे मिल के क्या ले जायेंगे?
सिर्फ़ जीने के अदा ले ले जाएँगे
दो घड़ी बैठेंगे तेरे पास हम
और बातो का मजा ले जाएँगे ।

Friday, December 10, 2010

कोई पैगाम ही लिख दो

चलो आज तुम कोई पैगाम ही लिख दो तुम एक गुमनाम हो यही लिख दो I
मेरी किस्मत मे इंतज़ार हैं लेकिन यार अपनी पुरी उम्र ना लिखो बस अपनी ज़िन्दगी की एक शाम ही लिख दो I
ज़रूरी नही मिल जाए सुकून हर किसी को बैचैनियो की एक किताब मेरे नाम भी लिख दो I
जानता हूँ तेरे जाने के बाद मुझे तनहा ही रहना हैं पुरा दिन ना सही एक पल ही मेरे नाम लिख दो I
चलो हम मानते हैं सज़ा के काबिल हैं हम कोई इनाम ना लिखो तो कोई इल्जाम ही लिख दो I

Friday, October 29, 2010

उम्र आधी हो चली है....

उम्र आधी हो चली है पर नहीं समझे
ज़िंदगी का मर्म रत्ती भर नहीं समझे

व्यर्थ हैं सब डिग्रियाँ, यह लोग कहते हैं
प्यार के हमने अगर अक्षर नहीं समझे

आदमी हो तो समझ ले आदमी का दुख
आदमी का दुख मगर पत्थर नहीं समझे

दिल की बातें सिर्फ़ दिल वाले ही समझेंगे
दिल की बातें कोई सौदागर नहीं समझे

ज़िंदगी पूरी बिताकर के भी दुनिया में
संत दुनिया को ही अपना घर नहीं समझे!

Friday, August 20, 2010

उसने खोया वो जो ....

ठुकरा के उसने मुझको कहा कि मुसकराओ,मै हंस दिया,
आखिए सवाल उसकी खुशी का था
मैने खोया वो जो मेरा था ही नही
उसने खोया वो जो सिर्फ उसी का था!

Friday, July 9, 2010

वाह ! वाह !

साँप ने पिया बकरी का खून ...
वाह ! वाह !
..
साँप ने पिया बकरी का खून ...
गुड Afternoon! Good Afternoon! Good Afternoon!!



तेरे प्यार में पागल हो गया पीटर .. .
वाह! वाह!
..
तेरे प्यार में पागल हो गया पीटर ...
अब हीरो होंडा Splendor, 80 km प्रति लीटर .. !!



Bahaar आने से पहले फिजा आ गयी .. .
.वाह! वाह!
..
Bahaar आने से पहले फिजा आ गयी ...
फूल को खिलने से पहले बकरी खा गयी .. !!



आत्मा छोड़ गयी शरीर पुराना
वाह! वाह!
..
आत्मा छोड़ गयी शरीर पुराना ...
दीदी तेरा देवर दीवाना .. !



Yashomati Maiyya Se Bole Nandlala ...
वाह! वाह!
..
Yashomati Maiyya से Bole Nandlala ...
"माँ, Tata Sky Laga Daala To Life Jhingalala ..!!"

Tuesday, October 6, 2009

Friends



Friendship is not about “I m sorry “ its about “abbe teri galti hai “

Friendship is not about “I m there for u “ its about
“kahan marr gaya saale “

Friendship is not about “I understand “ its about
“sab teri wajah se hua manhus“

Friendship is not about “I care for u “ its about
“kamino tumhe chhod ke kahan jaunga “

Friendship is not about “I m happy for ur success
“its about “chal party de saale“

Friendship is not about “I love that girl“ its about
“saalo izzat se dekho tumhari bhabhi hain “

Friendship is not about “R u coming for outing tomorrow “ its about “ nautanki nahi, hum kal bahar ja rahe hai “

Friendship is not about “Get well soon “ its about “ Itna piyega toh yehi hoga“

Friendship is not about “All the best for ur career“its about “bahut hua, abhi toh switch mar saale“

मैं आज भी उन रास्तों पे चल रहा हूँ

ये कतरे उस वक़्त की कतरने हैं जब हम एक राह पर दो कदम चाल कर खो गए थे .....
आदमी को अपने ऊपर इतना भरोसा होता है की वो जान बूझ कर गर्त में उतरता है. जब वापस आने की बात होती है तो वहाँ के प्रपंचों में ऐसा फंसता है की फिर बहार आना संभव नहीं रह जाता. कुछ यही सोच थी मेरी जब ये कतरने लिखी गयी थी.


मैं आज भी उन रास्तों पे चल रहा हूँ
जिनपर तुमने कभी पाँव रखे थे.

गर्म हवाओं से वो निशाँ तो मिट गए
पर मैं अब भी उन निशानों को ढूँढने की
नाकाम कोशिश करता हूँ.
कुछ वक़्त की रफ़्तार तेज़ थी
और कुछ मैं भी धीमा था,
की चलते चलते तुम कहाँ निकल गए
ये मुझे पता भी ना चला.
फिर भी मैं उन रास्तों पे चल रहा हूँ
की जिनपर तुमने कभी पाँव रखे थे.

ये गर्म हवाएं अब भी
कभी तेरी भीनी खुशबू लाती हैं
और मैं चैन की सांस लेता हूँ
के शायद तुम यही हो.
वो जब एक बार तुमने मुझे आवाज दी थी
और मैं तुम्हारा दीवाना हो गया था.
मैं जानता हूँ की तुम मेरे कभी थे ही नहीं.
फिर भी मैं उन रास्तों पे चल रहा हूँ
की जिनपर तुमने कभी पाँव रखे थे.


मैं हवाओं की कश्ती पे सवार
अपनी ही धुन में मुस्कुराता हुआ
सपनो की दुनिया में कही जा रहा था
और तुमने मुझे आवाज दी थी.
तेरे बेपनाह हुस्न ने मुझे
उन रास्तों में छोड़ दिया जहां से वापस आना
शायद मेरे लिए मुमकिन नहीं था.
इसलिए मैं आज भी मैं उन रास्तों पे चल रहा हूँ
की जिनपर तुमने कभी पाँव रखे थे.

Saturday, March 28, 2009

वित्तमंत्री से इंटरव्यू

वित्तमंत्री से मिले, काका कवि अनजान
प्रश्न किया ‘क्या चांद पर रहते हैं इंसान’?
रहते हैं इंसान, मारकर एक ठहाका
कहने लगे कि तुम बिल्कुल बुद्धू हो ‘काका’
अगर वहां मानव होते हम चुप रह जाते
अब तक सौ दो सौ करोड़ कर्जा ले आते।